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रंगीला देश मेरा

बतलाओ ज़रा कि हिन्दू हूँ मैं या हूँ मुसलमान

क्या रौबीला हिमालय या गहरा हिन्द महासागर मेरी पहचान

गंगा, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, सतलुज या कावेरी

कौन है इनमें सबसे चंचल, सबसे प्रिय बेटी मेरी

जो पैरों में घुँघरू बांध थिरकती है मृदंग की ताल पर

या हाथों में ढोलक लिए झूमती है नए सुर तान पर

दीवाली के दिए जलाऊँ या गुरपरब पर गुरबाणी गाऊँ

गिरिजाघर का घंटा बजाऊँ

या ईद की सिवइयाँ चखाऊँ

सुनाऊँ खासी में कोई कहानी

या सुनोगे ब्रज भाषा में सुहानी

कृष्ण लीला, रसखान की ज़ुबानी

मोर की मतवाली चाल चलूँ

या कोयल संग कोई गीत सुनाऊँ

ले आऊं सागर तलहटी से सीप मोती

या खेतों से गेहूं की सोनी बालियां चुन लाऊँ

चढ़ लूं मीनार-ए-क़ुतुब या

चांदनी में नहाये ताज को छू आऊँ

टेकूं अमृतसर में मत्था या भोले बाबा केदार की शरण जाऊँ

कहो, तुम्हें मेरे देश के किस छोर की सैर कराऊँ

हर गली हर नुक्कड़ पर मेरी मिट्टी की खुशबू है

चनाब से कन्याकुमारी हर कोना तुम्हें दिखाऊँ

नवाबों का शहर यहाँ कोई, तो कोई सपनों का महानगर

मोक्ष की नगरी है कहीं, तो कहीं बाज़ार व्यापारियों का बसर

ठुमरी का श्रृंगार रस और ग़ज़ल की नज़ाकत

कव्वाली की गर्मजोशी, सूफियाना कलाम की रूहानियत

अज़ान की पुकार तो कहीं मंदिर की घंटियाँ

चूड़ियों का संगीत तो कहीं टप्पे की लहरियाँ

कहाँ से शुरू करूं, कहो क्या क्या तुम्हें बताऊँ

मेरा देश है रंगीला, मैं इसके अनेकों रंगों में रंग जाऊं|

 

Image Credit: Photo by Manyu Varma on Unsplash

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