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ऐसा तो होता रहता है

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1) ऐसा तो होता रहता है

किसी राह पर चलते चलते
उससे विरक्त होना
पीछे मुड़ सोचना
कि दूसरा रास्ता लिया होता
तो सफर शायद बेहतर होता
मगर हर पथ मांगता है
राही से एक हठ
तय किये रास्तों पर
अविरल चलते जाना।
रास्ता चाहे कोई भी लिया जाये
कुछ दूसरा पथ तो त्यागना ही होगा
स्वपन में हर दृश्य सुहाना
पाने को, नींद से जागना ही होगा।

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2) मील का पत्थर 

मील का पत्थर बोल रहा है
काहे देखे मुड़ मुड़ पीछे
समय डाल से गिरते पत्ते
काहे मुट्ठी में तू भींचे
एक एक पत्ते को चूम
छोड़ हवा में उड़ जाने दे
समय रेत के तिनके टीले
रेती में मिल जाने दे
लौट न आने पायेगा वो
जिसको तू दफना आया
उसके जीवन पथ के मोती
माला में पिरो फेरता चल
काहे देखे मुड़ मुड़ पीछे
सूरजमुखी सा उगता चल।

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(Image: Pixabay)

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