ज़िन्दगी खूबसूरत हैसुनसान बियाबान रास्तों परभीड़ भरे चौराहों पर भीमंदिर की आरती में भीराशन की कतारों में भीरेगिस्तान की सूखी रेत मेंपहाड़ों की चुभती गलन में भीतालाब किनारे मछलियों संगपत्तियां चुनते बागानों मेंमज़दूर के पसीने…
सपनों के नील झरोखों से सुन्दर एक उपवन दिखता है फूलों की खेती करता एक पागल सा प्रेमी दिखता है हाथों में लिए पतंगों की डोरी मृग तरुणी से चलते हैं श्वेत चन्दन की डालों…
एक काव्य मंच पर ‘शतरंज की बाज़ी’ विषय कविता लिखने के लिए दिया गया और दो छोटी कविताएं लिखने का प्रयास किया है: पहली कविता : कुरुक्षेत्र के रण में खड़े कृष्ण बन अर्जुन के…