KavitaPoetry

नसीब

कुछ निवाले और सर पर साया, इतना भी बड़ी छतरी वाला न दे पाया कुछ को है नसीब सारी दुनिया की नियामतें, चलो कोई बात नहीं साँसों का तोहफा तो हमने भी पाया भेज दिया…

Read more
KavitaPoetry

क्यों

कहते हैं एक स्त्री दूजी स्त्री की पीड़ा समझती है तो क्यों सास बहू के किस्से सारी दुनिया कहती है? क्यों पितृसत्ता के नियम औरत कायम रखती है एक पर हो अत्याचार तो दूजी क्यों…
KavitaPoetry

पिंजरे

जब घर की औरतों के सर उठते हैं तो न जाने क्यों लोग घबराने लगते हैं कौन सी बात निकल कर आ जाये बाहर इस डर से थरथराने लगते हैं जिस पेड़ की छांव में…
KavitaPoetry

रंगीला देश मेरा

बतलाओ ज़रा कि हिन्दू हूँ मैं या हूँ मुसलमान क्या रौबीला हिमालय या गहरा हिन्द महासागर मेरी पहचान गंगा, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, सतलुज या कावेरी कौन है इनमें सबसे चंचल, सबसे प्रिय बेटी मेरी जो पैरों…

Read more
KavitaPoetry

स्त्री

कण कण में बसी क्षण क्षण में रची, ये रंग बदलती रवानी है। वो जिसको कह भी न पाई कभी, नारी की विषम कहानी है। बचपन बीता सकुचा सिमटा, यौवन आया नई आस लिए। आयी…
KavitaPoetry

दीया और बाती

दीये की जलती बुझती लौ टिमटिमाती हवाओं में, पर न हारे हिम्मत चाहे बवंडर हों लाख फ़िज़ाओं में दीवाली ने पूछा दीये से आखिर क्यों जलते हो तुम, साल दर साल भोली बाती को क्यों…
KavitaPoetry

राजकुमारी 

खड़ी क्षितिज को दूर निहारती थी एक राजकुमारी ढूंढती अपना अस्तित्व अनुपम विशाल सृष्टि में सारी क्या है मेरा कोई टुकड़ा समस्त ब्रम्हांड सृजन में क्यों रहती हूँ मैं बंद सजीले महल भवन में नहीं…

Read more
KavitaPoetry

छोटी सी बात

जिंदगी की दौड़ में दौड़ते दौड़ते छूट गए हाथ जो आओ अभी उन्हें थाम लो कर दो बंद सब शिकायतें नाराज़गियाँ किसी पुराने संदूक में गिनती की सांसें हैं, चुक न जाएँ कहीं झुक जाओ…
Poetry

Grandma

She held me as an infant in her tender arms, That day, that moment our special bond was formed. Never a harsh word, no lectures, no sermons, Gently were imparted, many a life’s lessons. Stand…