KavitaPoetry

पिंजरे

जब घर की औरतों के सर उठते हैं तो न जाने क्यों लोग घबराने लगते हैं कौन सी बात निकल कर आ जाये बाहर इस डर से थरथराने लगते हैं जिस पेड़ की छांव में…

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Travel Tales

Dastaan-e-Dubai

Welcome to Day 4 of #BlogchatterA2Z Blogging Challenge. Today I’m opening the pages of my Dubai diaries and memories. I lived in Dubai for eight years, longest in any city and Dubai still feels like…
Travel Tales

Cape Town Calling (Quirky Travel Tales)

Welcome to Day 3 of the #BlogchatterA2Z Blogging Challenge. Today I will take you to the South Westernmost point of the African Continent, a destination that evokes “Oh My God, Its Heaven” feeling from anyone,…
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रंगीला देश मेरा

बतलाओ ज़रा कि हिन्दू हूँ मैं या हूँ मुसलमान क्या रौबीला हिमालय या गहरा हिन्द महासागर मेरी पहचान गंगा, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, सतलुज या कावेरी कौन है इनमें सबसे चंचल, सबसे प्रिय बेटी मेरी जो पैरों…
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मैं मुसाफ़िर - मेरा पहला एकल सफ़र

सफ़र और मेरा रिश्ता कुछ ऐसा है जैसे रुई के फ़ाहे और बयार का। रुई चाहे कितनी भी झाड़ियों में अटक जाए, हवा का झोंका देर सवेर उसे उड़ा ले ही जाता है। मेरा हाल…

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KavitaPoetry

स्त्री

कण कण में बसी क्षण क्षण में रची, ये रंग बदलती रवानी है। वो जिसको कह भी न पाई कभी, नारी की विषम कहानी है। बचपन बीता सकुचा सिमटा, यौवन आया नई आस लिए। आयी…
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दीया और बाती

दीये की जलती बुझती लौ टिमटिमाती हवाओं में, पर न हारे हिम्मत चाहे बवंडर हों लाख फ़िज़ाओं में दीवाली ने पूछा दीये से आखिर क्यों जलते हो तुम, साल दर साल भोली बाती को क्यों…
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राजकुमारी 

खड़ी क्षितिज को दूर निहारती थी एक राजकुमारी ढूंढती अपना अस्तित्व अनुपम विशाल सृष्टि में सारी क्या है मेरा कोई टुकड़ा समस्त ब्रम्हांड सृजन में क्यों रहती हूँ मैं बंद सजीले महल भवन में नहीं…

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